गुजरात में दो चरणों 22 और 29 नवंबर को हुए स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों के परिणामों में भाजपा को भले ही राहत की सांस दी हो, लेकिन कांग्रेस की ग्रामीण अंचल में जीत की खबर ने गुजरात में पार्टी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. वहीं दूसरी ओर भाजपा का ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम कैंडिडेट उतारकर मुस्लिम वोट बैंक का भरोसा जीतने का प्रयास और प्रयोग असफल रहा, जिससे उसके लिए दोहरी परेशानी खड़ी हो गई है.
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