$ 0 0 अल्मोड़ा जिले के चंदन सिंह कठायत की कहानी उन लोगों के लिए मिसाल है, जो विकलांग होने के बावजूद अपने हुनर का उपयोग करने को तैयार नही हैं. दरअसल झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से 39 साल के चंदन सिंह कठायत बचपन में विकलांग बन गए.