उत्तराखंड यूं तो हीरे को तराशने के लिये भी कारीगर की जरूरत होती है लेकिन देवभूमि उत्तराखंड में खिलाड़ियों को बेहतर बनाने के लिये स्थाई कोच तक नहीं हैं .भविष्य के खिलाड़ी अपने बूते ही खेल के गुर सीख रहे हैं.
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